एक-लूटेरा चालिस चोर*
🔱 औरतों को सती होना चाहिए, वरना धर्म का नाश होता है। अभी कोई सती नहीं होती। क्या धर्म डूबा ?
🔱 महिला पढेगी तो धर्म का नाश होगा। अब महिला प्रधानमंत्री, स्पीकर और राष्ट्रपति तक का सफ़र तय कर चुकि है। क्या धर्म डूबा ?
🔱 शूद्र को शिक्षा दी तो धर्म का नाश होगा। अब शूद्र डाक्टर, इंजीनियर, प्रोफैसर, कुलपति, स्पीकर, उपप्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक पहुँच चुका है। क्या धर्म डूबा ?
🔱 मकान मंदिर से ऊँचा बना तो धर्म का नाश होगा। अब बड़े बड़े टावर बन रहे हैं, जिनके सामने मंदिर बोने पड गये हैं। क्या धर्म डूबा ?
😜 अगर उनकी जाति की लडकी के साथ शुद्र ने शादी की तो धर्म डूब जायेगा !! मगर अनेक युवकों ने स्वर्ण जाति की लडकियों से रासलीला व शादि की है! तो क्या धर्म डूबा?
😜 वेद-पूराण-शास्त्र के शब्द शूद्र के कान में पड जावें तो धर्म डूब जावेगा, आजकल वेद-पूराण-शास्त्र सुनाने के लिये, फेसबुक, टेलीविजन भरे पडे हैं।! क्या धर्म डूबा?
🔱 कहाँ गये वे धर्म के रक्षक। अपनी मूर्खता भरे प्रवचन अब क्यों नहीं देते?
क्यों नहीं कहते- समाज हित में विज्ञान के ज्ञान को बढाना है, और अंधविश्वास मिटाना है।
ओशो से किसी ने पूछा, "राजनैतिक लुच्चों-लफंगों से, देश को छुटकारा कब मिलेगा?"
ओशो ने जवाब दिया, "बहुत कठिन है.. क्योंकि प्रश्न राजनेताओं से छुटकारे का नही है, प्रश्न तो तुम्हारे अज्ञान के मिटने का है. तुम जब तक अज्ञानी हो, तब कोई न कोई तुम्हारा शोषण करता रहेगा. कोई न कोई तुम्हें चूसेगा. पंडित चूसेंगे, पुरोहित चूसेंगे, मौलाना चूसेंगे,राजनेता चूसेंगे.
तुम जब तक जाग्रत नही होगें, तब तक कोई न कोई तुम्हें लूटता रहेगा। . फिर किसने लूटा, ? किस झण्डे की आड़ में लुटे, किस समाज व धर्म के धर्मगुरुओं ने लूटा!! इससे क्या फर्क पड़ता है..
कभी धर्म के नाम, कभी जाति के नाम पर तुम लुटते रहे हो और लूटते ही रहोगे! बस, लुटेरों के नाम बदलते रहेंगें।
यह मत पूछो, ये मत कहो कि राजनीति व राजनीतिज्ञ लुच्चे-लफंगों, भ्रष्टाचारियों से, देश को छुटकारा कब मिलेग।!!!! . यह प्रश्न अर्थहीन है. यह पूछो कि, मैं कब इतना जाग सकूँगा कि, झूठ को झूठ की तरह पहचान व कह सकूँ और जब तक अधिकांश मानव जाति झूठ को झूठ की भाँति नही पहचानती, तब तक छुटकारे का कोई उपाय नही है.। क्योंकि एक लूटेरा लूट रहा है और दूसरे लूटेरे, तुम्हें व तुम्हारे देश को लूटने के लिये तैयार हैं। पसन्द तुम्हारी है कि, तुम किस लुटेरे का पक्ष लेते हो।
असफल, मतिभ्रमित व जो सच-झूठ में फर्क करना नहीं जानते, उनके लिये एक ग्रन्थ सत्य व दूसरे का ग्रन्थ झूठा है। मगर धर्मगुरुओं के लिये सभी ग्रन्थ अच्छे हैं, सभी पार्टियां अच्छी हैं। इनका काम धर्म, पार्टी, जाति के नाम पर बेवकूफ बनाना है और आमजनता को लूटना है। परन्तु तुम्हें तो लूटना है। क्योंकि एक लूटेरा-चालिस चोर हैं तो तुम लूटने वालों में शामिल हो। बस यही तुम्हारा धर्म है। तुम्हें पता ही नहीं है...कि तुम उन्हीं लुटेरों के ही गुणगान कर रहे हो, जो तुम्हें लूट रहे हैं और वे तुम्हें अच्छे लगते हैं।
*हर मां-बाप संस्कृति व संस्कार के नाम पर, अपने बच्चों को भी लूटने वालों में शामिल करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। क्या तुम्हें यह मालूम है*???
*क्या आपको नहीं लगता कि आप "एक-लूटेरा चालीस चोर" की गैंग में शामिल होकर, एक लूटेरे का पक्ष व दूसरे लूटेरे का विरोध कर रहे हैं ?????*😜
............................................................................................................................................................................. युवा समाजसेवी विचारक व चिंतक अमित
🔱 औरतों को सती होना चाहिए, वरना धर्म का नाश होता है। अभी कोई सती नहीं होती। क्या धर्म डूबा ?
🔱 महिला पढेगी तो धर्म का नाश होगा। अब महिला प्रधानमंत्री, स्पीकर और राष्ट्रपति तक का सफ़र तय कर चुकि है। क्या धर्म डूबा ?
🔱 शूद्र को शिक्षा दी तो धर्म का नाश होगा। अब शूद्र डाक्टर, इंजीनियर, प्रोफैसर, कुलपति, स्पीकर, उपप्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक पहुँच चुका है। क्या धर्म डूबा ?
🔱 मकान मंदिर से ऊँचा बना तो धर्म का नाश होगा। अब बड़े बड़े टावर बन रहे हैं, जिनके सामने मंदिर बोने पड गये हैं। क्या धर्म डूबा ?
😜 अगर उनकी जाति की लडकी के साथ शुद्र ने शादी की तो धर्म डूब जायेगा !! मगर अनेक युवकों ने स्वर्ण जाति की लडकियों से रासलीला व शादि की है! तो क्या धर्म डूबा?
😜 वेद-पूराण-शास्त्र के शब्द शूद्र के कान में पड जावें तो धर्म डूब जावेगा, आजकल वेद-पूराण-शास्त्र सुनाने के लिये, फेसबुक, टेलीविजन भरे पडे हैं।! क्या धर्म डूबा?
🔱 कहाँ गये वे धर्म के रक्षक। अपनी मूर्खता भरे प्रवचन अब क्यों नहीं देते?
क्यों नहीं कहते- समाज हित में विज्ञान के ज्ञान को बढाना है, और अंधविश्वास मिटाना है।
ओशो से किसी ने पूछा, "राजनैतिक लुच्चों-लफंगों से, देश को छुटकारा कब मिलेगा?"
ओशो ने जवाब दिया, "बहुत कठिन है.. क्योंकि प्रश्न राजनेताओं से छुटकारे का नही है, प्रश्न तो तुम्हारे अज्ञान के मिटने का है. तुम जब तक अज्ञानी हो, तब कोई न कोई तुम्हारा शोषण करता रहेगा. कोई न कोई तुम्हें चूसेगा. पंडित चूसेंगे, पुरोहित चूसेंगे, मौलाना चूसेंगे,राजनेता चूसेंगे.
तुम जब तक जाग्रत नही होगें, तब तक कोई न कोई तुम्हें लूटता रहेगा। . फिर किसने लूटा, ? किस झण्डे की आड़ में लुटे, किस समाज व धर्म के धर्मगुरुओं ने लूटा!! इससे क्या फर्क पड़ता है..
कभी धर्म के नाम, कभी जाति के नाम पर तुम लुटते रहे हो और लूटते ही रहोगे! बस, लुटेरों के नाम बदलते रहेंगें।
यह मत पूछो, ये मत कहो कि राजनीति व राजनीतिज्ञ लुच्चे-लफंगों, भ्रष्टाचारियों से, देश को छुटकारा कब मिलेग।!!!! . यह प्रश्न अर्थहीन है. यह पूछो कि, मैं कब इतना जाग सकूँगा कि, झूठ को झूठ की तरह पहचान व कह सकूँ और जब तक अधिकांश मानव जाति झूठ को झूठ की भाँति नही पहचानती, तब तक छुटकारे का कोई उपाय नही है.। क्योंकि एक लूटेरा लूट रहा है और दूसरे लूटेरे, तुम्हें व तुम्हारे देश को लूटने के लिये तैयार हैं। पसन्द तुम्हारी है कि, तुम किस लुटेरे का पक्ष लेते हो।
असफल, मतिभ्रमित व जो सच-झूठ में फर्क करना नहीं जानते, उनके लिये एक ग्रन्थ सत्य व दूसरे का ग्रन्थ झूठा है। मगर धर्मगुरुओं के लिये सभी ग्रन्थ अच्छे हैं, सभी पार्टियां अच्छी हैं। इनका काम धर्म, पार्टी, जाति के नाम पर बेवकूफ बनाना है और आमजनता को लूटना है। परन्तु तुम्हें तो लूटना है। क्योंकि एक लूटेरा-चालिस चोर हैं तो तुम लूटने वालों में शामिल हो। बस यही तुम्हारा धर्म है। तुम्हें पता ही नहीं है...कि तुम उन्हीं लुटेरों के ही गुणगान कर रहे हो, जो तुम्हें लूट रहे हैं और वे तुम्हें अच्छे लगते हैं।
*हर मां-बाप संस्कृति व संस्कार के नाम पर, अपने बच्चों को भी लूटने वालों में शामिल करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। क्या तुम्हें यह मालूम है*???
*क्या आपको नहीं लगता कि आप "एक-लूटेरा चालीस चोर" की गैंग में शामिल होकर, एक लूटेरे का पक्ष व दूसरे लूटेरे का विरोध कर रहे हैं ?????*😜
............................................................................................................................................................................. युवा समाजसेवी विचारक व चिंतक अमित
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