नेपाल मे कठेरिया धानुक समाज..................
युवा समाजसेवी विचारक व चिंतक अमित कठेरिया के विचार ..........................................ना छुरी
ना पिस्तौल
दिल में जिगर रखता हुं
इरादों मे तेज़ धार रखता हुं
इस लिए हंमेशा
अकेला ही निकलता ह ु
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बंगले . गाडी तो
की कहानी हैं.......
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तभी तो दुनिया
की दिवानी हैं.
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अरे मिट गये
तपती
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ये आवाज नही शेर कि दहाड़ है….. हम खडे हो जाये
तो पहाड़
है….
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हम इतिहास के वो सुनहरे पन्ने है…..
जो bhagawan ने ही चुने है….दिलदार औऱ दमदार
है"
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रण भुमि मे तेज तलवार है""
पता नही कितनो की जान है
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सच्चे प्यार पर कुरबान है
"
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यारी करे तो यारो के यार है
""
औऱ दुशमन के लिये तुफान है
""
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तभी तो दुनिया कहती है बाप रे खतरनाक है
"""
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शेरो के पुत्र शेर ही ज़ाने जाते हैं, लाखो के
बीच. "
पहचाने जाते हैं।।
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मौत देख कर किसी क़े पिछे छुपते नही ,
हम"
हम
अपने आप पर ग़र्व
क़रते हैं, दुशमनों को काटने का जीगरा हम रखते हैं ,
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कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ,तो भी कोई
बात नहीं...
वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं,
बाँट दिया करते हैं।
Apko aapki maa ki kasam
1000
और उनसे कहे आगे 10000 लोगो को शेर करें jo nhi karega wo
twitter post...................... ........................शि क्षा गरीब लोगों की शक्ति और हथियार है .............#amit katheriya
धानुक / कठेरिया/धानक/धानुका/ धानका .. आदि का प्राचीन इतिहास जानने के ळीये इस पेज को लाइक करे ................................................................................................................................................................................................................https://www.facebook.com/katheriyadhanuksamaj..............… ........................










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