शनिवार, 27 जनवरी 2018

दुनिया के सबसे बड़े 7 डाक्टर
 
1- सुरज की किरणें 🌞
2- रोजाना रात 6/8 घंटे निंद 😴
3- शुध्द शाकाहारी भोजन 🍑
4- हररोज व्यायाम. 🏃
5- खुदपर विश्वास 😇
6- पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन
7- अच्छे दोस्त 👬👬
इन 7 बातोंको हमेशा अपने पास रखीये सभी दर्द दुर हो जायेंगे........: एक मिनट का समय निकालके अवश्य पढ़े...

सिकंदर ने आधी दुनिया जीत ली थी पर.......... 
धानुक समाज के टाइटल

जब मरा तो 3 इच्छा थी..
1- जिन हकीमों ने इलाज किया वो सब जनाजे को कँधा देँ ..

कयोँ ?

ताकि सबको पता चल जाये कि हकीम भी मरने से रोक
नहीँ सकते .. ॰
2- जनाजे की राह मेँ दौलत बिछा दी जाये ..

कयों?

ताकि सब जान लेँ दौलत किसी काम नहीँ आती ..

3-दोनों हाथ खाली बाहर लटकाऐ जाये ..

कयों?

सबको मालूम हो खाली हाथ
आए थे
खाली हाथ जाना है
सब यहीँ रह जाना है !! .....AMIT KATHERIYA
ताकत स्वीकार करने की (PowerofAcceptance) ...

1. बेटा पिता के आगे स्वीकार नहीं करता कि वो पढ़ाई में कमजोर है.
2. Employees Boss के आगे स्वीकार नहीं करता की उससे गलती हुई है.
3. बहु सास के आगे स्वीकार नहीं करती कि दाल में नमक ज्यादा पड़ गया है.
4. Student Teacher के आगे स्वीकार नहीं करता की उसकी English या Maths कमजोर है.
5. दोस्त स्वीकार नहीं करता की उसका उसकी Wife के साथ अच्छे सम्बन्ध नहीं हैं.
6. पति पत्नी आपस में स्वीकार नहीं करते कि गलती उनमें से किसी एक की है.
7. डर क्या है : अनिश्चितता को स्वीकार न करना. 
धानुक दर्पण
8. ईर्ष्या, नफ़रत क्या है : दूसरों की अच्छाई को स्वीकार न करना.
9. क्रोध क्या है : दूसरे का हमारी बात को स्वीकार न करना.
10. इस तरह की न जाने कितने ही घटनाएँ स्वीकार न करने की हमारे साथ होती रहती है.
तो मित्रों जब कोई स्वीकार ही नहीं करेगा तो समाधान कहाँ से निकलेगा, वहां तो Negativity ही Negativity का निवास होगा।
मित्रों Positive Energy तब बहेगी जब कोई स्वीकार करेगा कि हाँ हमारे अंदर कमी है या हमसे गलती हुई है.
इंसान भी जिंदगी में बड़ी बड़ी समस्याओं की वजह से परेशान नहीं हैं, हम परेशान रहते हैं रोज़ रोज़ की छोटी छोटी समस्याओं की वजह से.
इन छोटी छोटी समस्याओं का समाधान तो है जिससे ये समस्याएं हमें परेशान न करें, मित्रों उसके लिए हमारे अंदर स्वीकार(Accept) करने के ताकत होनी चाहिए।
क्या हमारे अंदर इतनी ताकत है कि हम दूसरों को उसी रूप में स्वीकार करें जैसे वे हैं और उनकी गलतियों के लिए इतनी जल्दी माफ़ कर देजितनी जल्दी हम उपरवाले से अपनी गलतियों के लिए माफ़ी की उम्मीद रखते हैं" ?
किसी भी moment में "Unconditional Acceptance" का मतलब है Negativity को वहीं पर "Stop करना", Problem को "महामारी न" बनने देना.
जैसे ऊपर वाले सारे Examples को एक बार फिर देखते हैं :-
1. क्या हुआ अगर कोई पढ़ाई में कमजोर है ? Concept clear न होने पर हर कोई कमजोर ही होता है. बेटे के स्वीकार करने पर दोनों पिता और पुत्र पढ़ाई का कोई नया तरीका अपनाते.
2. क्या हुआ अगर गलती हो गयी ? Employee के स्वीकार करने पर Boss भी उस employees को उसके level का काम देता और employee भी अपनी Knowledge increase करने का प्रयास करता.
3. क्या हुआ अगर खाना ख़राब बन गया ? इंसान से गलतियां होती रहती है. बहु के स्वीकार करने से सब जगह शांति हो जाती.
4. Student के स्वीकार करने पर दोनों Teacher और Student पढ़ाई का कोई नया तरीका ईजाद करते.
5. Problem solve करने के लिए दोस्त ही कोई तरीका बताता.
6. अपनी अपनी गलती मान लेने से दोनों अपनी Future planning पर ध्यान देते.
7. अगर हम अनिश्चितता को ही स्वीकार कर लें तो फिर डर काहे का.
8. जिस तरह नमक और चीनी के mixture में से चीटीं सिर्फ अपने काम की चीज चीनी उठाती है, उसी तरह दूसरे इंसान की अच्छाइयां उठाते ही उससे ईर्ष्या, नफ़रत सब ख़त्म हो जाती है.
9. दूसरे की सहनशीलता देखते ही, काहे का क्रोध।
मित्रों अपनी "गलती स्वीकार न करना एक बीमारी" है और ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें आदमी खुद तो परेशान रहता ही रहता है, उससे जुड़े दूसरे लोग भी बहुत परेशान रहते हैं. हमें जिंदगी में किसी को हराने के लिए ताकत दिखाने के बजाये, अपनी "स्वीकार करने की ताकत" दिखाते और बढ़ाते हुए अपने को निखारना ही होगा.
मित्रों ध्यान रहे जो बीत गया उस पर कभी भी पछतावा न करें क्योँकि "जब आपने वो काम किया था तब आप उसे करना चाहते थे", फिर पछतावा किस बात का. अब तो बारी है कि अगर कुछ गलत हो गया है उसको "स्वीकार करके" दुरुस्त किया जाये।
स्वीकार न करके हम अपने आस पास एक Negative Aura (प्रभामण्डल) तैयार कर लेते है और फिर जिंदगी भर उस Negative Aura से बाहर आने की ही जद्दोजहत में जिंदगी गुजार देते हैं.
हमें "Accept करने की ताकत" को समझना पड़ेगा।
अपनी गलतियों को Accept न करने का मतलब है कि अपने मोबाइल की contact memory का उन पुराने बेकार contact नंबरों से भर जाना, जिनका आज की date में कोई लेना देना नहीं है. मित्रों जब तक वो पुराने नम्बर हम delete नहीं करेंगे तब तक नए नम्बर save करने के लिए जगह नहीं बनेगी.
इसी तरह अपनी जिंदगी से भी हमें ऐसे पुराने हादसों को माफ़ी मांग कर या माफ़ करके delete करना पड़ेगा तभी हम नई खुशनुमा यादों के लिए जगह बना पाएंगे क्योँकि पुरानी गलतफमियों को अभी तक हमने "स्वीकार न" करके संभाल कर रखा है. हमें उन पुरानी गलतफमियों को "स्वीकार कर" उन्हें delete करके Positivity के Aura में कदम रखना ही होगा.

मित्रों, अगर जींदगी मे कुछ पाना हो. तो .... तरीके बदलो.. ईरादे नही

.....AMIT KATHERIYA
इन्सान की तीस गलतियां: 
1. इस ख्याल में रहना कि जवानी और तन्दुरुस्ती हमेशा रहेगी।
2. खुद को दूसरों से बेहतर समझना।
3. अपनी अक्ल को सबसे बढ़कर.समझना।
4. दुश्मन को कमजोर समझना।
5. बीमारी को मामुली समझकर शुरु में इलाज न करना।
6. अपनी राय को मानना और दूसरों के मशवरें को ठुकरा देना।
7. किसी के बारे में मालुम होना फिर भी उसकी चापलुसी में बार-बार आ जाना।
8. बेकारी में आवारा घुमना और रोज़गार की तलाश न करना।
9. अपना राज़ किसी दूसरे को बता कर उससे छुपाए रखने की ताकीद करना। 
आदि काल में धानुक समाज ............
10. आमदनी से ज्यादा खर्च करना।
11. लोगों की तक़लिफों में शरीकन होना, और उनसे मदद की उम्मीद रखना।
12. एक दो मुलाक़ात में किसी के बारे में अच्छी राय कायम करना।
13. माँ-बाप की खिदमत न करना और अपनी औलाद से खिदमत की उम्मीद रखना।
14. किसी काम को ये सोचकर अधुरा.छोड़ना कि फिर किसी दिन पुरा कर लिया जाएगा।
15. दुसरों के साथ बुरा करना और उनसे अच्छे की उम्मीद रखना।
16. आवारा लोगों के साथ उठना बैठना।
17. कोई अच्छी राय दे तो उस पर ध्यान न देना।
18. खुद हराम व हलाल का ख्याल न करना और दूसरों को भी इस राह पर लगाना।
19. झूठी कसम खाकर, झूठ बोलकर, धोखा देकर अपना माल बेचना, या व्यापार करना।
20. इल्म, दीन या दीनदारी को इज्जतन समझना।
21. मुसिबतों में बेसब्र बन कर चीख़ पुकार करना।
22. फकीरों, और गरीबों को अपने घर से धक्का दे कर भगा देना।
23. ज़रुरत से ज्यादा बातचीत करना। 24. पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार नहीं रखना।
25. बादशाहों और अमीरों की दोस्ती पर यकीन रखना।
26. बिना वज़ह किसी के घरेलू मामले में दखल देना।
27. बगैर सोचे समझे बात करना।
28. तीन दिन से ज्यादा किसी का.मेहमान बनना।
29. अपने घर का #भेद दूसरों पर ज़ाहिर करना।
30. हर एक के सामने अपना दुख दर्द सुनाते रहना।  
.... AMIT KATHERIYA
सुखी जीवन के छः मंत्र

1. अगर पूजा कर रहे हो तो 'विश्‍वास' करना सीखो।

2. बोलने से पहले 'सुनना' सीखो।

3. खर्च करने से पहले 'कमाना' सीखो।

4. कुछ लिखने से पहले 'सोचना' सीखो।

5. #हार मानने से पहले फिर से 'कोशिश' करना सीखो।
6. मरने से पहले खुल के 'जीना' सीखो।  
................... AMIT KATHERIYA

शुक्रवार, 26 जनवरी 2018

Awesome & True Words
(1) लोगों से मिलते वक्त इतना मत झुको, कि उठते वक्त सहारा लेना पड़े! .
(2) ज़ुबान की हिफाज़त, दौलत से ज्यादा मुश्किल है ! .
(3) गरीबों का मज़ाक मत उड़ाओ, क्युँकि गरीब होने में वक्त नहीं लगता ! .
(4) अगर इबादत नहीं कर सकते, तो गुनाह भी मत करो ! .
(5) दुनिया ये नहीं देखती कि तुम पहले क्या थे, बल्कि ये देखती है कि तुम अब क्या हो ! .
(6) जहां अपनी बात की कदर ना हो, वहां चुप रहना ही बेहतर है ! .
(7) धनवान वह नहीं, जिसकी तिजोरी नोटों से भरी हो , धनवान तो वो हैं जिसकी तिजोरी रिश्तों से भरी हो ! .
(8) आजकल लोग समझते 'कम' और समझाते 'ज्यादा' हैं, तभी तो मामले सुलझते 'कम' उलझते 'ज्यादा' हैं! .
(9) शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी, पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता! .
(10) न सफारी में नज़र आई और न ही फरारी में नज़र आई; जो खुशिया बचपन मै दोस्तों के साथ साईकिल की सवारी में नज़र आई !!
यह पोस्ट शेयर कर अपने दोस्तों को भी इसके बारे में बताये. 
.....AMIT KATHERIYA
विश्व में हर रिकार्ड बाबा साहेब के नाम..
1. भारत के सबसे पढे व्यक्ति
2. सबसे ज्यादा किताब लिखने वाले
3. सबसे तेज स्पीड से ज्यादा टाईप करने वाले
4. सबसे ज्यादा श्ाब्द टाईप करने वाले
5. सबसे ज्यादा आंदोलन करें
6. महिला अधिकार के लिए संसद में इस्तीफा देने वाले
7. दलित, पिछडो के हको को दिलाने वाले
8. हिन्दू धर्म के ग्रन्थ मनुस्मर्ति को चोराहे पर जलाने वाले
9. जातिवाद को समाप्त करने के लिए पंडतानि से sadi करने वाले
10. गरीब मज़लूमो के हको के लिए 4 बच्चे कुर्बान करने वाले
11. 2 लाख किताबो को पढ़कर याद रखने वाले
12. भारत का सविधान लिखा
13. पूना पैक्ट लिखा
14. मूक नायक पत्रिका निकाली
15. बहिस्किरत समाचार पत्र निकाला
16. सबसे तेज लिखने वाले
17. दोनों हाथो से लिखने वाले
18. mr ग़ांधी को जीवन दान देने वाले
19. सबसे काबिल बैरिस्टर
20. मुम्बई के सेठ के बेटे को फर्जी मुक़दमे से बरी कराने वाले
21. योग करने वाले
22. सबसे ईमानदार
23. 18 से 20 घंटे पढ़ने वाले
24. सरदार पटेल को obc का मतलब समझने वाले
25. स्कूल के बहार बैठकर और अपमान सहकर उच्च शिक्षा पाने वाले
25. हम सबकी भलाई के लिए पत्नी रमाबाई को खोने वाले .........
एक बार दिल से जय भीम   ......AMIT KATHERIYA
प्रथम सूचना रिपोर्ट( FIR ) किस प्रकार लिखी जाती है , यह जानना सभी के लिये महत्वपूर्ण है :
.
हम सभी को जीवन में
कभी न कभी FIR लिखना
ही पड़ जाता है चाहे खुद
के लिये या किसी जानने
वाले के लिये।
.
अक्सर लोगो की
शिकायत होती है कि
उनकी FIR थाने में नहीं
लिखी गई, या फिर
मजिस्ट्रेट के यहाँ FIR के
लिये किया गया आवेदन
निरस्त हो गया। इसके
कई कारण होते है किंतु
एक कारण ये भी होता है
की आपके लिखने के तरीके
से वह एक समान्य
निवेदन पत्र लगता है
और उससे कोई खास
अपराध नहीं लगता है।
जिस कारण से वह FIR में
न लिखकर डेली डायरी
में लिख दिया जाता है।
.
FIR को कम से कम शब्दों
में स्पष्ट और पूरे मामले
को लिखना चाहिये
क्योंकि न्यायालय में
आपका केस इसी आधार
पर चलता है ।
.
आप सभी को मैं आसान
भाषा में FIR को लिखने
का तरीका बताना
चाहूँगा क्योंकि अनेक
बार पढ़े लिखे लोग भी
FIR लिखने में गलती कर
देते है।
.
सबसे पहले आप एक सादा
पेपर ले और उसपर 1 से 9
तक नंबर लिख ले, फिर
उन सभी के सामने " क"
लिख ले :
.
अब मै आपको 9क के विषय
में बताना चाहूँगा की ये
9 (क) का क्या मतलब
होता है ।
.
(1) कब (तारीख और
समय)- FIR में आप घटना
के समय और तारीख की
जानकारी लिखे ।
.
(2) कहाँ (जगह)- घटना
कहाँ पे हुई इसकी
जानकारी दे।
.
(3) किसने - अपराध किस
ब्यक्ति ने किया ( ज्ञात
या अज्ञात) एक या अनेक
ब्यक्ति उसका नाम पता
आदि लिखे ।
.
(4) किसको - किस के
साथ अपराध किया गया
एक पीड़ित है या अनेक
उन सभी का नाम व
पता।
.
(5) किसलिये - यह एक
मुख्य विषय होता है
इसीसे यह पता चलता है
की कोई कार्य अपराध
है या पुरस्कार देने के
लायक कार्य है, इसको
निम्न प्रकार समझ सकते
हैं-
.
(अ) क एक ब्यक्ति ख पर
गोली चला देता है और ख
की मृत्यु हो जाता है,
यहाँ पर दोषी होगा।
.
(ब) क एक ब्यक्ति ख पर
अपनी पिस्तौल तान
देता है और ख अपने बचाव
में क पर गोली चला देता
है जिससे क की मृत्यु हो
जाती है। ख हत्या का
दोषी नहीं है क्योंकि
अपनी आत्मरक्षा करते
हुवे अगर आप किसी की
जान भी ले लेते है तो आप
दोषी नहीं होंगे ।
.
(स) क अपनी कार से ख
तो टक्कर मार देता है
और ख की मृत्यु हो जाती
है, क हत्या का दोषी
नहीं है बल्कि उसपर
दुर्घटना का केस चलेगा
और उसके हिसाब से दण्ड
मिलेगा।
.
(द) क एक पुलिस कर्मी है
और वह आतंकवादी संगठन
के मुठभेड़ में एक या कई
आतंकवादियो को मार
देता है। क हत्या का
दोषी नहीं होगा बल्कि
उसे पुरस्कार दिया
जायेगा।
.
इससे यह स्पष्ट होता है
की कोई भी कार्य तब
तक अपराध नहीं है जब
तक की दुराशय से न
किया गया हो।
.
(6) किसके सामने
( गवाह)- अगर घटना के
समय कोई मौजूद हो तो
उनकी जानकारी अवश्य
देनी चाहिये।
.
(7) किससे ( हथियार) -
अपराध करने के लिए
किन हथियार का
प्रयोग किया गया
( पिस्तौल , डंडे, रॉड,
चैन , हॉकी, ईट। अगर
कोई धोखाधड़ी का
मामला है तो आप
( स्टाम्प पेपर, लेटरहेड,
इंटरनेट , मोबाइल,
आदि,) जानकारी जरूर
प्रदान करे।
.
(8) किस प्रकार - क्या
प्रकरण अपनाया गया
अपराध् करने के लिये
उसको लिखे।
.
(9) क्या किया
( अपराध)- इनसभी को
मिलकर क्या किया गया
जो की अपराध होता है
उसको लिखे।
.
इस प्रकार आप सभी
आसानी से FIR को लिख
सकते है ।
.
अन्य जानकारी :
.
FIR आप जहाँ घटना हुई है
उसके आलावा भी भारत
के किसी भी थाने में
जाकर आप FIR लिखा
सकते है।
.
FIR न लिखे जाने के कई
कारण होते है, मुख्यतः
क्राइम रेट अधिक न हो
इस कारण नहीं लिखी
जाती है ( जो की गैर
कानूनी कारण है) ।
दूसरा कारण अपराध की
सत्यता पर शक होता है
जिस कारण पुलिस FIR
लिखने से पहले जाँच
करना चाहते है।
.
FIR लिखवाना आपका
अधिकार है (Sec 154 of
CrPC), अगर थाने में आप
की FIR नहीं लिखी
जाती है तो आप उनके
ऊपर के किसी भी
अधिकारी ( CO, SP,
SSP,) से FIR लिखने के
लिये बोल सकते है, और वे
1 या 2 दिन जाँच के लिये
लेकर संबंधित थाने में FIR
लिख दी जायेगी।
.
अगर आपकी FIR थाने में
नहीं लिखी जाती है तो
आप मजिस्ट्रेट के पास
प्रार्थना पत्र दे सकते
है (Sec 156 [3] of
CrPC )और वे थाने से
मामले की जानकारी
माँग कर FIR दर्ज का
आदेश दे सकते है या आपके
प्रार्थना पत्र को
निरस्त भी कर सकते है ,
यह कोर्ट ( जज ) के
विवेकाधिकार पर
निर्भर है ।
...........................Young social activist and thinkers Amit Katheriya



जिंदगी के 7 सबसे मुश्किल और आसान काम :-
•√. दोस्ती करना आसान है, पर निभाना मुश्किल

•√. प्यार करना आसान है, पर पाना मुश्किल

•√. भरोसा तोडना आसान है, पर करना बहुत मुश्किल

•√. याद करना आसान है, पर भुलाना मुश्किल

•√. झूठ बोलना आसान है, पर सच सुनना मुश्किल

•√.किसी को रुलाना आसान है, पर हँसाना मुश्किल

•√.किसी के बगैर मरना आसान है, पर जीना मुश्किल  
......AMIT KATHERIYA
"विचारों की ताकत" - (Power of Thought)
"सोच से भाग्य" तक की यात्रा
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किसी महापुरुष ने कहा है :-
अपने मन की "सोच" को देखो, वो "विचारों" को जन्म देते हैं,
अपने "विचारों" को देखो, वो "शब्द" बन जाते हैं,
अपने "शब्दों" को देखो, वो "कार्य" बन जाते हैं,
अपने "कार्य" को देखो, वो "आदत" बन जाती हैं,
अपनी "आदतों" को देखो, वो "चरित्र" बन जाता है,
अपने "चरित्र" को देखो, वो "भाग्य" बन जाता है."
मित्रों हमें "सोच" और "विचार" में ही असली अंतर समझना है :-
1. Case No 1 :-
(a) "सोच" - आपने article लिखने के बारे में सोचा.
(b) "विचार" - Article "Positive" लिखना है या "Negative".
(c) "शब्द" -
(i) अगर Positive Article लिखना है तो Positive शब्दों का इस्तेमाल करना होगा.
(ii) अगर Negative Article लिखना है तो Negative शब्दों का इस्तेमाल करना होगा.
(d) "कार्य" - Article लिखने की शुरुआत हो जाएगी.
(e) "आदत" - Article लिखना ही आदत बन जायेगा.
(f) "चरित्र" - लोग आपको Article लिखने वाले के रूप में जानने लगेगें.
(g) "भाग्य" - अब अगर आपके Articles famous हो गए तो लोग आपको भाग्यवान कहने लगेंगे, वर्ना लोग कहेंगे इसका भाग्य ही ख़राब था. असल में भाग्य ख़राब नहीं था, हम विचारों में कहीं भटक गए.
2. Case No 2 :-
(a) "सोच" - आपने फिल्म लाइन में जाने की सोची.
(b) "विचार" - एक्टिंग हीरो की करनी है या विलेन की.
(c) शब्द -
(i) अगर हीरो की एक्टिंग करनी है तो Positive शब्द दिमाग में आएंगे.
(ii) अगर विलेन की एक्टिंग करनी है तो Negative शब्द दिमाग में आएंगे.
(d) "कार्य" - Acting करने की शुरुआत हो जाएगी.
(e) "आदत" - Acting करना ही आदत बन जायेगा.
(f) "चरित्र" - लोग आपको Actor के रूप में जानने लगेगें.
(g) "भाग्य" - अब अगर आप एक Actor के रूप में famous हो गए तो लोग आपको भाग्यवान कहने लगेंगे, वर्ना लोग कहेंगे इसका भाग्य ही ख़राब था. असल में भाग्य ख़राब नहीं था, हम विचारों में कहीं भटक गए.
मित्रों हर किसी इंसान को इस "सोच से भाग्य" रूपी यात्रा करनी ही पड़ेगी, कोई भी इंसान इससे बच नहीं सकता.
मित्रों सोच को कोई रोक नहीं सकता,
पर, पर, पर .....
हमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण "विचारों की ताकत" को समझना होगा,
किसी भी हालत में हमें अपने विचार Negative नहीं करने हैं, ये ध्यान रहे, चाहे कितनी भी मुसीबत आ जाये.....
मित्रों हर बार Negative विचारों को एक ही जवाब देना है :-
"अगर गम के पास तलवार है, तो मैं उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ..!
ऐ जिंदगी ! तेरी हर चाल के लिए मैं एक चाल लिए बैठा हूँ ..."

.......AMIT KATHERIYA

बुधवार, 24 जनवरी 2018

डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम की चन्द लाईनें जो हमे जीवन में हमेशा याद रखनी चाहिए। और हो सके तो उसे अमल भी करना चाहिये।
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1. जिदंगी मे कभी भी किसी को
बेकार मत समझना,क्योक़ि
बंद पडी घडी भी दिन में
दो बार सही समय बताती है।
2. किसी की बुराई तलाश करने
वाले इंसान की मिसाल उस
मक्खी की तरह है जो सारे
खूबसूरत जिस्म को छोडकर
केवल जख्म पर ही बैठती है।
3. टूट जाता है गरीबी मे
वो रिश्ता जो खास होता है,
हजारो यार बनते है
जब पैसा पास होता है।
4. मुस्करा कर देखो तो
सारा जहाॅ रंगीन है,
वर्ना भीगी पलको
से तो आईना भी
धुधंला नजर आता है।
5..जल्द मिलने वाली चीजे
ज्यादा दिन तक नही चलती,
और जो चीजे ज्यादा
दिन तक चलती है
वो जल्दी नही मिलती।
6. बुरे दिनो का एक
अच्छा फायदा
अच्छे-अच्छे दोस्त
परखे जाते है।
7. बीमारी खरगोश की तरह
आती है और कछुए की तरह
जाती है;
जबकि पैसा कछुए की तरह
आता है और.खरगोश की
तरह जाता है।
8. छोटी छोटी बातो मे
आनंद खोजना चाहिए
क्योकि बङी बङी तो
जीवन मे कुछ ही होती है।
9. ईश्वर से कुछ मांगने पर
न मिले तो उससे नाराज
ना होना क्योकि ईश्वर
वह नही देता जो आपको
अच्छा लगता है बल्कि
वह देता है जो आपके लिए
अच्छा होता है
10. लगातार हो रही
असफलताओ से निराश
नही होना चाहिए क्योक़ि
कभी-कभी गुच्छे की आखिरी
चाबी भी ताला खोल देती है।
11. ये सोच है हम इसांनो की
कि एक अकेला
क्या कर सकता है
पर देख जरा उस सूरज को
वो अकेला ही तो चमकता है।
12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो
उन्हे तोङना मत क्योकि
पानी चाहे कितना भी गंदा हो
अगर प्यास नही बुझा सकता
वो आग तो बुझा सकता है।
13. अब वफा की उम्मीद भी
किस से करे भला
मिटटी के बने लोग
कागजो मे बिक जाते है।
14. इंसान की तरह बोलना
न आये तो जानवर की तरह
मौन रहना अच्छा है।
15. जब हम बोलना
नही जानते थे तो
हमारे बोले बिना'माँ'
हमारी बातो को समझ जाती थी।
और आज हम हर बात पर
कहते है छोङो भी 'माँ'
आप नही समझोंगी।
16. शुक्र गुजार हूँ
उन तमाम लोगो का
जिन्होने बुरे वक्त मे
मेरा साथ छोङ दिया
क्योकि उन्हे भरोसा था
कि मै मुसीबतो से
अकेले ही निपट सकता हूँ।
17. शर्म की अमीरी से
इज्जत की गरीबी अच्छी है।
18. जिदंगी मे उतार चङाव
का आना बहुत जरुरी है
क्योकि ECG मे सीधी लाईन
का मतलब मौत ही होता है।
19. रिश्ते आजकल रोटी
की तरह हो गए है
जरा सी आंच तेज क्या हुई
जल भुनकर खाक हो जाते।
20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की
तलाश मत करो
खुद अच्छे बन जाओ
आपसे मिलकर शायदकिसी की तालाश पूरी हो।
...................AMIT KATHERIYA



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योग की कुछ 100 जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए

1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है। 2. लकवा - सोडियम की कमी के कारण होता है । 3. हाई वी पी में - स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन ...