नमस्कार दोस्तों मै अमित कठेरिया , https://katheriyadhanuksamaj.blogspot.in/ ब्लॉग पर आने के लिये बहुत- बहुत शुक्रिया , दोस्तों मै धानुक समाज के बारे में रोचक व नई-नई जानकारी हिन्दी मे उपलब्ध कराता हूँ आपका अमित कठेरिया
रविवार, 6 अगस्त 2017
बी.पी. मंडल ( ओबीसी मसीहा )...... बीपी मंडल का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 25 अगस्त 1918 को उस समय हुआ था जब उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी लाल मंडल जिन्दगी और मौत से जूझ रहे थे। उनके जन्म के बाद 26 अगस्त 1918 को उनके पिता का निधन हो गया। बीपी मंडल ने आजीवन समाजिक न्याय के लिए काम किया। 47 दिनों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहकर जिस तरह से उन्होंने शासन और प्रशासन के सफल संचालन में अपनी भूमिका निभाई, वह इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षर में दर्ज है। उनके भाई कमलेश्वरी प्रसाद मंडल भागलपुर के एमएलसी थे। उनके निधन के बाद वह भागलपुर से जिला परिषद सदस्य बनकर राजनीतिक जीवन में प्रवेश किए और इसके बाद सांसद, विधायक तथा मुख्यमंत्री बन कर समाज की सेवा की। 1977 में केंद्र में पहली बार जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई, तब उसने 1 जनवरी, 1979 को बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल के के नेतृत्व में पिछड़ा आयोग (अनुच्छेद 340 के तहत ) गठन किया। आयोग के अन्य सदस्यों को हमें याद करने चाहिए। एल .आर . नायक , दीवान मोहन लाल, न्याय मूर्ति आर.आर. भोला तथा के. सुब्रहान्यम। अध्यक्ष समेत सभी लोग ओबीसी वर्ग से ही थे। फिर तत्कालीन मोरारजी देसाई की सरकार ने 20 दिसंबर, 1978 को को मंडल के नेतृत्व बीपी मंडल के नेतृत्व में “पिछड़ा वर्ग आयोग” गठित करने की घोषणा संसद में कर दी | इस आयोग की विज्ञप्ति 1 जनवरी, 1979 को जारी की गयी थी। आयोग ने सरकार को अपनी रिपोर्ट 31 दिसम्बर 1980 को दी। जिसे राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदन किया गया। सरकार ने 30 अप्रैल, 1982 को संसद के पटल पर रखा गया पर एक बार फिर जातिवादी लाभ के कारण यह सब कार्य 10 वर्ष तक ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया। लेकिन अंततः 1989 में आजाद भारत की सबसे बड़ी सामाजिक न्याय की सरकार 1989 में केन्द्र में वीपीसिंह की सरकार बनी। 1990 में डॉ. बाबासाहेब के जन्म शताब्दी वर्ष को वीपी सिंह सरकार ने सामाजिक न्याय वर्ष घोषित किया। इसी वर्ष में देश की 52 % ओबीसी जातियों के लिए मंडल आयोग रिपोर्ट लागु करनेका संकल्प किया। डॉ बाबासाहेब आंबेडकर को भारत रत्न दिया गया, बाबा साहेब के ग्रंथो को देश की प्रमुख भाषाओं में प्रकाशित करने के लिए करोडो रु. का प्रावधान किया गया और डॉ. बाबासाहेब की तस्वीर संसद भवन में रखी गयी। साथ ही नेलशन मंडेला को भी भारत रत्न से नवाजा गया।
आखिर 1950 से 1977 तक की दुरी क्यों तय की गई ? देश के 60 फीसदी लोगो के हक को क्यों मारा गया ? देश को विकास से क्यों रोका गया ? फिर 1977 से 1990 का गैप क्यों हुआ ? इन तेरह सालो में सरकार ने मंडल कमीशन को लागू करने की जरुरत क्यों नहीं समझी ? हालाँकि मेरे इस उपरोक्त सवाल के जवाब बहुत सरल है ,लेकिन कोई देना नहीं चाहेगा। आखिर यह देश के विकास का मामला जो ठहरा। आज भी 27 फीसदी आरक्षण के बाद सरकारी नौकरियों में ओबीसी का प्रतिनिधित्व मात्र 12 फीसदी है। अब यह क्यों है ? कैसे है ? समझ में नहीं आता। समझ में इसलिए नहीं आता कि इस देश का ओबीसी वर्ग समझना नहीं चाहता।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
https://katheriyadhanuksamaj.blogspot.in
योग की कुछ 100 जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए
1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है। 2. लकवा - सोडियम की कमी के कारण होता है । 3. हाई वी पी में - स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन ...
-
कठेरिया धानुक समाज गौरवशाली इतिहास गौरवशाली इतिहास के कुछ स्वर्णाक्षर (रोहिला क्षत्रिय) भारत वर्ष का क्षेत्रफल 42 ,02 ,500 वर्ग किमी था...
-
कठेरिया (धानुक) जाति गोत्र Deran - Uday Raj...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें