#गुप्तकाल#
चाणक्य
द्वारा जब राजा नंद को गद्दी से हटाने का संकल्प लिया गया था,तब उसके पास
चन्द्रगुप्त के समर्थन मे कोई सेना नही थी । विद्वान चाणक्य द्वारा समस्त
सैनिक पाटलीपुत्र के बाहर से एकत्रित किये गये थे। उनमें भी प्रमुख रुप
से उत्तर-पश्चिम म.प्र. के वीर #धानुक#
सैनिक
थे.जिन्होने चन्द्रगुप्त के नेतृत्व में युद्ध कर राजा नंद को परास्त किया
और वही बस गये।आज भी बिहार एंव नेपाल की तराई में सवाधिक #धानुक_जाति#
लोग
पाये जाते है,जो
कि वीर एवं
कुशल प्रशासक अच्छे साहित्यकार है. बिहार में धानुक समाज के अनेक लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग
लिया एवं अपने
प्राणो की आहुति दी है।
संकलन:-धानुक
दर्पण...........AMIT KATHERIYA
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें