भारत
के स्वतंत्रता आंदोलन में धानुक जाति के अनेक लोगों ने हिस्सा लिया है।
जिन्होंने परत्रंत भारत में देश की आजादी के लिये अपना सब कुछ बलिदान कर
दिया। ऐसे वीर एवं साहसी योद्धा धानुकजाति में हुए हैं। जिनमे से कुछ
प्रमुख हैं।
शहीद खरे धानुक सैंयादरवाजा
शहिद दुर्जन धानुक
(1857 ई0 में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मदद करने के अपराध में फाँसी कि सजा दी गई ।
शहीद रामचण मंडल हरिहरपुरा पुपरी अनुमडंल सीतामढी
सहीद मथुरा मंडल ग्राम रेवासी प्रखंड टीजा जिला सीतामढी इनामी क्रांतिकारी को रहवासी बजार में गोलियों से भून दिया गया।
शहीद झूझार सिंह धानक ग्राम पुरा जीला-ललितपुर इन्हें कुरवाई जिला विदिशा म.प्र. में फाँसी की सजा दी गई।
शहीद रामफल मंडल टोला माधवपुर प्रखण्ड बाजापट्टी जिला सीतामढी बिहार
23 अगस्त 1942 में फाँसी दी गइ
र्स्वगे फणीश्वर नाथ रेणू जो कि भारत के स्वत्रंता संग्राम सेनानी एवं उपन्यासकार थे, जिनके उपन्यास मैला आंचल पर फिल्म तीसरी कसम का निर्माण हुवा था। आपत काल में इन्हें जेल में डाल दिया गया था। जहां पर इनकी मृत्यु हूई।
स्व. नाथू बसौड़ ग्राम-केवलारी, जिला -दमोह।
स्व. मनोहरलाल पिता श्री रामदयाल धानुक , ग्राम कुपवाडा बर्किगल खीरी 1942 के आंदोलन में भाग लिया एवं 10 वर्ष की सजा काटी।
स्व. गंगाराम धानुक , ग्राम चकवा कास्तो, जिला इटावा
स्व. दुर्गा धानुक पिता श्री गंगादीन धानुक मरौली इटावा 1939 के आंदोलन में भाग लेकर आठ माह की सजा काटी।
स्व. हरि धानुक -पिपरागँव फरूखाबाद (उ.प्र.) 1930 के आंदोलन में भाग लिया एवं छ: माह कि सजा भुगती।
स्व. दयाराम धानुक पिता श्री मंगल धानुक कानपुर,(उ.प्र)1941 के आंदोलन में भाग लेकर छ: माह की सजा काटी।
स्व. सेवाराम धानुक ग्राम पोस्ट - कुकाडली 1942 के आंदोलन में भाग लिया एव छ: माह की सजा काटी।
इत्यदी...............................................................................................................................................................................................Young social activist and thinkers Amit Katheriya
शहीद खरे धानुक सैंयादरवाजा
शहिद दुर्जन धानुक
(1857 ई0 में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मदद करने के अपराध में फाँसी कि सजा दी गई ।
शहीद रामचण मंडल हरिहरपुरा पुपरी अनुमडंल सीतामढी
सहीद मथुरा मंडल ग्राम रेवासी प्रखंड टीजा जिला सीतामढी इनामी क्रांतिकारी को रहवासी बजार में गोलियों से भून दिया गया।
शहीद झूझार सिंह धानक ग्राम पुरा जीला-ललितपुर इन्हें कुरवाई जिला विदिशा म.प्र. में फाँसी की सजा दी गई।
शहीद रामफल मंडल टोला माधवपुर प्रखण्ड बाजापट्टी जिला सीतामढी बिहार
23 अगस्त 1942 में फाँसी दी गइ
र्स्वगे फणीश्वर नाथ रेणू जो कि भारत के स्वत्रंता संग्राम सेनानी एवं उपन्यासकार थे, जिनके उपन्यास मैला आंचल पर फिल्म तीसरी कसम का निर्माण हुवा था। आपत काल में इन्हें जेल में डाल दिया गया था। जहां पर इनकी मृत्यु हूई।
स्व. नाथू बसौड़ ग्राम-केवलारी, जिला -दमोह।
स्व. मनोहरलाल पिता श्री रामदयाल धानुक , ग्राम कुपवाडा बर्किगल खीरी 1942 के आंदोलन में भाग लिया एवं 10 वर्ष की सजा काटी।
स्व. गंगाराम धानुक , ग्राम चकवा कास्तो, जिला इटावा
स्व. दुर्गा धानुक पिता श्री गंगादीन धानुक मरौली इटावा 1939 के आंदोलन में भाग लेकर आठ माह की सजा काटी।
स्व. हरि धानुक -पिपरागँव फरूखाबाद (उ.प्र.) 1930 के आंदोलन में भाग लिया एवं छ: माह कि सजा भुगती।
स्व. दयाराम धानुक पिता श्री मंगल धानुक कानपुर,(उ.प्र)1941 के आंदोलन में भाग लेकर छ: माह की सजा काटी।
स्व. सेवाराम धानुक ग्राम पोस्ट - कुकाडली 1942 के आंदोलन में भाग लिया एव छ: माह की सजा काटी।
इत्यदी...............................................................................................................................................................................................Young social activist and thinkers Amit Katheriya
Anand dhirotiya basor banshkar 7905397423
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