जनक काल मे धानुक समाज
#राजा_जनक के पूर्वजों को भगवान शिव द्वारा जो धनुष भेंट किया था । उसे भगवान श्री राम द्वारा सीता स्वयंवर में तोड़ा गया था । यह धनुष भगवान शिव द्वारा राजा #सतधनु#,जिन्हे कि (#धनक_मुनि) भी कहा जाता है को भेंट किया गया था।जो कि राजा जनक के पूर्वज थे।
सर्वप्रथम
वैदिक काल में राजा शतधनु (#धनक_मुनि) का
उल्लेख मिलता है जिसका
उल्लेख
श्री विसेंट स्मिथ ने अपनी पुस्तक विष्णु पुराण (अग्रेजी संस्करण)मे
किया गया है
हम सभी धनक मुनि के संतान है......
हम सभी धनक मुनि के संतान है......
विजय
धनुरूपदिणों विशल्यों वाजेवा ।
अत:अन्तैरन्तस्य च इसवं आमुरेस्य निससर्ग:।।
अर्थात्-विजयी #धनुर्धर तुम्हारा ही नाम है,
#धानुक_तुम_युध्द_करो,
विजय तुम्हारी ही होगी।
यजुवेंद्र के श्लोक १६/२#
संकलन:-धानुक दर्पण
अत:अन्तैरन्तस्य च इसवं आमुरेस्य निससर्ग:।।
अर्थात्-विजयी #धनुर्धर तुम्हारा ही नाम है,
#धानुक_तुम_युध्द_करो,
विजय तुम्हारी ही होगी।
यजुवेंद्र के श्लोक १६/२#
संकलन:-धानुक दर्पण
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