# जहर #
(एथलीन पाउडर)......
===============बीमार पड़ने पर डॉक्टर की सलाह मिलती हैं, फल खाइये,ज्यूस पीजिए....मतलब फल और ज्यूस शरीर के लिए अधिक लाभप्रद है... उनका मानना एक हद तक ठीक भी हैं, पर क्या वाकई फलो से शरीर को लाभ मिल रहा हैं, या वे भी शरीर को खत्म करने के लिए एक स्लो पाइजन हैं.... !!!
देशी फलो को छोड़ दे तो अधिकतर फल जहर से पक रहे है... ।
कुछ वर्ष पूर्व तक जब कैले बेचने वाला आता तो आवाज लगाता "कैले, मीठे छींटेदार कैले"....पर अब छींटेदार केले की जगह फ्रेश पीले कैले बाजार मे मिलने लगे हैं, सबको खूब पसंद आते है ,कहते है बिल्कुल फ्रेश हैं... पर उन्हें क्या पता इसे किस जहर में डुबकी लगाकर हमे परोसा जा रहा हैं....यह फ्रेश केला एक दिन में पक जाता हैं, वही साधारण रूप से यह बर्फ में रखने पर केला आठ से दस दिनों में पकता हैं... जो केमिकल आठ दिन में पकने वाले केले को एक दिन में पका देता हैं तो फिर आपको ओर हमको क्या छोड़ेगा😢....।
ऐसे ही कार्बेट की पुडिय़ा आम की पेटी में दबाते है... दो से तीन दिन में #आम का रंग बदल जाता है...रासायनिक रूप से आम पक जाता हैं...।
चटक लाल रंग के लिए हनीवैक्स यानी मोम का इस्तेमाल #सेब के लिये किया जाता है...।
पपीता के बीच कागज में कार्बेट की पुडिय़ा दबा देते हैं.. दो दिन में ही #पपीता पककर पीला हो जाता है..।
केमिकल के सॉल्यूशन में #अंगूर गुच्छे डुबोए जाते हैं... दो दिन में अंगूर पक जाते हैं...।
सब कुछ इतना हमे फ़ास्ट चाहिए तो फिर हमें जहर ही खाना होगा,डॉक्टर और मेडिकल वाले सुस्वागतम का बोर्ड लगाए आपका इंतजार कर रहे होंगे...।
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