गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018

धानुक (धानक ) एक ही है 🏹🏹
धानक समाज की टीम ने 2 महीने की मेहनत कर भारत के समस्त राज्यों से धानक जनसँख्या जानने की कोशिश की हे जिसके अनुसार सूची तयार हुई हे। उम्मीद हे धानक अपनी शक्ति पहचाने और एकजुट होकर कार्य करे :
भारत वर्ष में #धानुक समाज अलग अलग
प्रांतो में अलग अलग नामों से जाना जाता है जिनमें कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं।
#धानुक, #मंडल, #मेहतो, #धानक, #धाणक, #धानका, #धाणका, #धानुका, #धनिक,
#धनवार, #धेनुक, #धानकया, #धेनुधर,
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#धानुषराय, #धनुवंशी, #धनवन, #धनवंत,
#धनन्जय, #धनकर, #धन्नुवंशी, #धानकवाल,
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#कठ, #कठेरिया, #कथेरिया,, #गोरवी,
#जुलाहे, #वसोड, #वर्गी, #बरार, #वंशकार,
#वास्को, #साइस, #बावन, #महाशय, #तडवी,
#तलवी,आदी.।
संकलन:-धानुक दर्पण
1) जम्मू कश्मीर : 2 लाख + 4 लाख विस्थापित
2) पंजाब : 9 लाख
3) हरियाणा : 90 लाख
4) राजस्थान : 78 लाख
5) गुजरात : 60 लाख
6) महाराष्ट्र : 45 लाख
7) गोवा : 5 लाख
8) कर्णाटक : 45 लाख
9) केरल : 12 लाख
10) तमिलनाडु : 36 लाख
11) आँध्रप्रदेश : 24 लाख
12) छत्तीसगढ़ : 24 लाख
13) उड़ीसा : 37 लाख
14) झारखण्ड : 12 लाख
15) बिहार : 90 लाख
16) पश्चिम बंगाल : 18 लाख
17) मध्य प्रदेश : 42 लाख
18) उत्तर प्रदेश : 80
19) उत्तराखंड : 20 लाख
20) हिमाचल : 45 लाख
21) सिक्किम : 1 लाख
22) आसाम : 10 लाख
23) मिजोरम : 1.5 लाख
24) अरुणाचल : 1 लाख
25) नागालैंड : 2 लाख
26) मणिपुर : 7 लाख
27) मेघालय : 9 लाख
28) त्रिपुरा : 2 लाख

सबसे ज्यादा धानक वाला राज्य: U.P
सबसे कम धानक वाला राज्य : सिक्किम

सबसे ज्यादा धानक राजनैतिक वर्चस्व : Rajasthan

सबसे ज्यादा प्रतिशत वाला राज्य : मध्यप्रदेश में जनसँख्या के 60% धानक

सबसे ज्यादा अच्छी आर्थिक स्तिथि में धानक : punjab

सबसे ज्यादा धानक मुख्यमंत्री वाला राज्य : M. P

सबसे ज्यादा धानक सरपँच वाला राज्य : Rajasthan
--------------------

इस संदेश को इतना फैलाओ कि हर धानक के मोबाईल मे पहुँचे ....

जय हो धानक माधव की जय कृष्ण जी की
धानक का मतलब अभीर होता अभीर का मतलब निडर होता है भगवान यदु ने साँप का दमन किया था तब से धानक को चौधरी भी कहा जाता है         ....AMIT KATHERIYA

बुधवार, 15 अगस्त 2018

जय हिंद  जय भारत
*तिरंगा फहराने से पहले जान लें ये बातें*                                                                                       1. क्या आप जानते हैं कि देश में फ्लैग_कोड_ऑफ_इंडिया (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून हैजिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।
2. यदि कोई शख्स फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।
3. 
तिरंगा हमेशा कॉटनसिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है।
4. 
किसी भी स्तिथि में फटे या क्षतिग्रस्त झंडे को नहीं फहराया जा सकता है।
5. 
तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3:2 ही होना चाहिए।
6. 
झंडे का यूज किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।
7. 
झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।
8. 
किसी भी गाड़ी के पीछेबोट या प्लेन में तिरंगा यूज नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढ़कने में भी नहीं किया जा सकता है।
9. 
किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।
10. 
जब झंडा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में पूरा नष्ट किया जाए।
11. 
झंडा केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।
12. 
किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते है।
13. 
जब तिरंगा फट जाए या रंग उड़ जाए तो इसे फहराया नहीं जा सकता। ऐसा करना राष्ट्रध्वज का अपमान करने वाला अपराध माना जाता है।
14. 
जब तिरंगा फट जाता है तब इसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता है या पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती है।
15. 
शहीदों के पार्थिव शरीर से उतारे गए झंडे को भी गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता है या नदी में जल समाधि दी जाती है।
16. 
सबसे पहले लालपीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क)कोलकाता में फहराया गया था।
17. 
भारत के राष्ट्रीय ध्वज को पिंगली वैंकेया ने डिजाइन किया था।
18. 
अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। इससे पहले इसमें बार बदलाव किया गया था।
19. 3 
हिस्से से बने झंडे में सबसे ऊपर केसरियाबीच में सफेद और नीचे हरे रंग की एक बराबर पट्टियां होती है।
21. 
सफेद पट्टी के बीच में गहरे नीले रंग का एक चक्र होता है। इसका व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है और इसमें 24 तिलियां बनी होती हैं।
22. 22 
जुलाई 1947 से पहले तिरंगे के बीच में चक्र की जगह पर चरखा होता था। इस झंडे को 1931 में अपनाया गया था।
23. 26 
जनवरी 2002 को भारतीय ध्वज संहिता में एमेंडमेंट किया गया। इसके बाद लोगों को अपने घरों और ऑफिस में आम दिनों में तिरंगा फहराने की अनुमति मिल गई।
24. 
झारखंड की राजधानी रांची में 23 जनवरी 2016 को सबसे ऊंचा तिरंगा फहराया गया। 66*99 साइज के इस तिरंगे को जमीन से 493 फीट ऊंचाई पर फहराया गया।
25. 
राष्ट्रपति भवन के म्यूजियम में एक छोटा तिरंगा रखा हुआ हैजिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया है।
26. 
भारत में बैंगलुरू से 420 किमी दूर स्थित हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है।
27. 29 
मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।
28. 
पहली बार 21 अप्रैल 1996 के दिन स्क्वाड्रन लीडर संजय थापर ने तिरंगे की शान बढाते हुए एम. आई.-हेलिकॉप्टर से 10000 फीट की ऊंचाई से कूदकर देश के झंडे को उत्तरी ध्रुव में फहराया था।
29. 1984 
में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को लेकर अंतरिक्ष के लिए पहली उड़ान भरी थी।
30. 
दिसंबर 2014 से चेन्नई में 50,000 स्वयंसेवकों द्वारा मानव झंडा बनाने का विश्व रिकॉर्ड भी भारतीयों के पास ही है।
जय हिंद
जय भारत . .......... AMIT KATHERIYA

































         

शुक्रवार, 25 मई 2018

भारत वर्ष में धानुक समाज अलग - अलग प्रांतो में अलग - अलग नामों से जाना जाता है जिनमें कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं।....
#धानका,
#धाणका,
#धानुका,
#धनिक,
#धनवार,
#धेनुक,
#धानकया,
#धेनुधर,
#धनुधारी,
#धनुष क्षत्रिय,
#धानुष,
#धानुषराय,
#धनुवंशी,
#धनवन,
#धनवंत,
#धनन्जय,
#धनकर,
#धन्नुवंशी,
#धानकवाल,
#धनकपाल,
#धानविक,
#धाकड,
#धाकरे,
#कठ,
#कठेरिया,
#कथेरिया,,
#गोरवी,
#जुलाहे,
#वसोड,
#वर्गी,
#बरार,
#वंशकार,
#वास्को,
#साइस,
#बावन,
#महाशय,
#तडवी,
#तलवी,
आदी.।
संकलन:-धानुक दर्पण ....
AMIT KATHERIYA

शनिवार, 21 अप्रैल 2018

।। उ. प्र. में प्रचलित धानुक समाज के निम्नलिखित गोत्रों को ही अभी तक मैं सूचीबँध कर पाया हूँ ।।

1.कथरिया (कठेरिया) . 2.धोसिया  3.कछवाय  4.अत्तरोलिया  
5.नगेले   6.लचिया  7.कनेरिया  8.रितोरिया  9.रकशेले  10.भटेले 
11.तुरइयाँ   12.भिसोरिया  13.कनपुरिया  14.मूसा 
15.सौंनपूरिया  16.लोंगवर्शा  17. गडरिया     18.लोहिटा 
19.भमरोलिया  20.कंदीया  21.पडरिया  22.जनकपुरिया 
23.जुगनिया  24.बड़गइयाँ  25.अजनेरिया 
26.बंजरिया   27.बड़गोती  28- खकरपुजा  

Note - जल्द ही बाक़ी के गोत्रों की लिस्ट को भी  शेयर किया जायेगा।। 

....................................... अमित कठेरिया 

बुधवार, 7 मार्च 2018

आज मैं बिहार के कुर्मी जाति के बारे में "
सिध्देश्वर "बाबू द्वारा रचित किताब पढ़
रहा था ।
उसके अंदर पुरे बिहार मे पायी जाने वाली
कुर्मी जाति की उप जाति का नाम का
वर्णन था ।
ये बाते इस लिए लिख रहा हूँ , कि कुछ दिन
पहले अपने बिच के कुछ साथीगण अपने-अपने
ज्ञान से संख्या का आकलन कर रहे थे ।
आपकी संख्या बल इतनी है कि इसकी पूरी
जानकारी जान-बुझ कर समंतवादियो
द्वारा सर्वजनिक नहीं किया जाता है ।
कारण इसके 2 है ।
1) कुर्मी की सही संख्या बता देने के बाद
इसका मनोबल तोड़ना बहुत कठिन हो
जायेगा ?
2) कुर्मी... आज मैं बिहार के कुर्मी जाति के बारे में "
सिध्देश्वर "बाबू द्वारा रचित किताब पढ़ रहा
था ।
उसके अंदर पुरे बिहार मे पायी जाने वाली
कुर्मी जाति की उप जाति का नाम का वर्णन
था ।
ये बाते इस लिए लिख रहा हूँ , कि कुछ दिन पहले
अपने बिच के कुछ साथीगण अपने-अपने ज्ञान से
संख्या का आकलन कर रहे थे ।
आपकी संख्या बल इतनी है कि इसकी पूरी
जानकारी जान-बुझ कर समंतवादियो द्वारा
सर्वजनिक नहीं किया जाता है ।
कारण इसके 2 है ।
1) कुर्मी की सही संख्या बता देने के बाद
इसका मनोबल तोड़ना बहुत कठिन हो
जायेगा ?
2) कुर्मी की सही संख्या बता देगे , तो इनके
सामने किसी भी प्रकार से आगे नहीं निकल
सकते है ?
अब आप खुद ही देखे ,बिहार के हर जिले में कुर्मी
का कौन-कौन शाखाये है ।
1) अररिया - जयसवार ,समसवार, अमात,धानुक

2) औरंगाबाद- अवधिया,जयसवार,व्याहुत।
3) कटिहार -जयसवार ।
4) किशनगंज - जयसवार , धानुक ।
5)खगरिया- जयसवार ,समसवार।
6)गोपालगंज -अवधिया,जयसवार ,सैंथवार,
ढिलफोड़ा, चंदेल ,धानुक ।
7)गया - घमैला ,कोचैसा, अवधिया , जयसवार।
8)जहानाबाद -घमैला ,अवधिया ,कोचैसा
,जयसवार ।
9) जमुई - जयसवार ,समसवार ,घमैला,दोजवार ,
धानुक ।
10) दरभंगा - जयसवार,अवधिया ,समसवार, तैलंग,
चंदेल ,चनउ
11)नवादा -घमैला ,कोचैसा ,जयसवार ।
12) नालंदा - घमैला , कोचैसा ,अवधिया
,समसवार, जयसवार, धानुक ।
13)पूर्णिया -जयसवार, समसवार, अमात,धानुक,
कैवर्त,चंदेल ।
14)बेतिया - जयसवार,चंदेल,चनऊ, धानुक
,चपरिया ।
15) मोतिहारी - जयसवार, धानुक , तैलंग ।
16)बेगुसराय - जयसवार, समसवार,धानुक ।
17)- बक्सर - सैंथवार ,जयसवार,घोड़चढ़े ,चंदेल ।
18)-भभुआ - चंदेल ,जयसवार, अवधिया ,
पटनवार,घोरचढ़े ।
19)भागलपुर-चंदेल,समसवार,जयसवार, रमैया,
धानुक ,पटनवार ।
20)भोजपुर- सैंथवार ,जयसवार,अवधिया,
घोडचढ़े, चंदेल ।
21) मधुबनी- जयसवार , तैलंग,
अमात,धाम,समसवार,चंदेल ,चनउ, काइवर्त ।
22) मधेपुरा - जयसवार,समसवार, धानुक,अमात,
काइवर्त ।
23) मुजफरपुर- जयसवार ,धानुक , समसवार , तैलंग ,
चंदेल ,गुरु नानक पंथी ।
24) मुंगेर- जयसवार , समसवार ,धानुक ,घमैला
,दोजवार ।
25) रोहतास- चंदेल , जयसवार ,अवधिया ,
घोड़चढ़े , पटनवार ,गुरुनानक पंथ ।
26) वैशाली- जयसवार , समसवार , अवधिया ,
तैलंग , गुरु नानक पंथ ।
27) सीवान- जयसवार ,अवधिया , धानुक ,
डिल्फोरा ।
28) सहरसा- समसवार , जयसवार , धानुक ।
29) सुपौल - समसवार ,जयसवार , धानुक ।
30 ) सीतामढ़ी -जयसवार , तैलंग , धानुक ,चंदेल
,कईवर्त ।
31) समस्तीपुर - जयसवर , समसवार, धानुक , चंदेल

32) सारण -जयसवार , समसवार ,अवधिया
,धानुक ।
33) पटना - अवधिया , घमैला ,कोचैसा ,
समसवार,जयसवार ,धानुक ।(पटना शहर में सभी
शाखा के लोग बसे है ) ।
आपके बिहार में कुर्मियों की इतनी शाखा है ।
..............................................अमित कठेरिया (धानुक)

शनिवार, 27 जनवरी 2018

दुनिया के सबसे बड़े 7 डाक्टर
 
1- सुरज की किरणें 🌞
2- रोजाना रात 6/8 घंटे निंद 😴
3- शुध्द शाकाहारी भोजन 🍑
4- हररोज व्यायाम. 🏃
5- खुदपर विश्वास 😇
6- पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन
7- अच्छे दोस्त 👬👬
इन 7 बातोंको हमेशा अपने पास रखीये सभी दर्द दुर हो जायेंगे........: एक मिनट का समय निकालके अवश्य पढ़े...

सिकंदर ने आधी दुनिया जीत ली थी पर.......... 
धानुक समाज के टाइटल

जब मरा तो 3 इच्छा थी..
1- जिन हकीमों ने इलाज किया वो सब जनाजे को कँधा देँ ..

कयोँ ?

ताकि सबको पता चल जाये कि हकीम भी मरने से रोक
नहीँ सकते .. ॰
2- जनाजे की राह मेँ दौलत बिछा दी जाये ..

कयों?

ताकि सब जान लेँ दौलत किसी काम नहीँ आती ..

3-दोनों हाथ खाली बाहर लटकाऐ जाये ..

कयों?

सबको मालूम हो खाली हाथ
आए थे
खाली हाथ जाना है
सब यहीँ रह जाना है !! .....AMIT KATHERIYA
ताकत स्वीकार करने की (PowerofAcceptance) ...

1. बेटा पिता के आगे स्वीकार नहीं करता कि वो पढ़ाई में कमजोर है.
2. Employees Boss के आगे स्वीकार नहीं करता की उससे गलती हुई है.
3. बहु सास के आगे स्वीकार नहीं करती कि दाल में नमक ज्यादा पड़ गया है.
4. Student Teacher के आगे स्वीकार नहीं करता की उसकी English या Maths कमजोर है.
5. दोस्त स्वीकार नहीं करता की उसका उसकी Wife के साथ अच्छे सम्बन्ध नहीं हैं.
6. पति पत्नी आपस में स्वीकार नहीं करते कि गलती उनमें से किसी एक की है.
7. डर क्या है : अनिश्चितता को स्वीकार न करना. 
धानुक दर्पण
8. ईर्ष्या, नफ़रत क्या है : दूसरों की अच्छाई को स्वीकार न करना.
9. क्रोध क्या है : दूसरे का हमारी बात को स्वीकार न करना.
10. इस तरह की न जाने कितने ही घटनाएँ स्वीकार न करने की हमारे साथ होती रहती है.
तो मित्रों जब कोई स्वीकार ही नहीं करेगा तो समाधान कहाँ से निकलेगा, वहां तो Negativity ही Negativity का निवास होगा।
मित्रों Positive Energy तब बहेगी जब कोई स्वीकार करेगा कि हाँ हमारे अंदर कमी है या हमसे गलती हुई है.
इंसान भी जिंदगी में बड़ी बड़ी समस्याओं की वजह से परेशान नहीं हैं, हम परेशान रहते हैं रोज़ रोज़ की छोटी छोटी समस्याओं की वजह से.
इन छोटी छोटी समस्याओं का समाधान तो है जिससे ये समस्याएं हमें परेशान न करें, मित्रों उसके लिए हमारे अंदर स्वीकार(Accept) करने के ताकत होनी चाहिए।
क्या हमारे अंदर इतनी ताकत है कि हम दूसरों को उसी रूप में स्वीकार करें जैसे वे हैं और उनकी गलतियों के लिए इतनी जल्दी माफ़ कर देजितनी जल्दी हम उपरवाले से अपनी गलतियों के लिए माफ़ी की उम्मीद रखते हैं" ?
किसी भी moment में "Unconditional Acceptance" का मतलब है Negativity को वहीं पर "Stop करना", Problem को "महामारी न" बनने देना.
जैसे ऊपर वाले सारे Examples को एक बार फिर देखते हैं :-
1. क्या हुआ अगर कोई पढ़ाई में कमजोर है ? Concept clear न होने पर हर कोई कमजोर ही होता है. बेटे के स्वीकार करने पर दोनों पिता और पुत्र पढ़ाई का कोई नया तरीका अपनाते.
2. क्या हुआ अगर गलती हो गयी ? Employee के स्वीकार करने पर Boss भी उस employees को उसके level का काम देता और employee भी अपनी Knowledge increase करने का प्रयास करता.
3. क्या हुआ अगर खाना ख़राब बन गया ? इंसान से गलतियां होती रहती है. बहु के स्वीकार करने से सब जगह शांति हो जाती.
4. Student के स्वीकार करने पर दोनों Teacher और Student पढ़ाई का कोई नया तरीका ईजाद करते.
5. Problem solve करने के लिए दोस्त ही कोई तरीका बताता.
6. अपनी अपनी गलती मान लेने से दोनों अपनी Future planning पर ध्यान देते.
7. अगर हम अनिश्चितता को ही स्वीकार कर लें तो फिर डर काहे का.
8. जिस तरह नमक और चीनी के mixture में से चीटीं सिर्फ अपने काम की चीज चीनी उठाती है, उसी तरह दूसरे इंसान की अच्छाइयां उठाते ही उससे ईर्ष्या, नफ़रत सब ख़त्म हो जाती है.
9. दूसरे की सहनशीलता देखते ही, काहे का क्रोध।
मित्रों अपनी "गलती स्वीकार न करना एक बीमारी" है और ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें आदमी खुद तो परेशान रहता ही रहता है, उससे जुड़े दूसरे लोग भी बहुत परेशान रहते हैं. हमें जिंदगी में किसी को हराने के लिए ताकत दिखाने के बजाये, अपनी "स्वीकार करने की ताकत" दिखाते और बढ़ाते हुए अपने को निखारना ही होगा.
मित्रों ध्यान रहे जो बीत गया उस पर कभी भी पछतावा न करें क्योँकि "जब आपने वो काम किया था तब आप उसे करना चाहते थे", फिर पछतावा किस बात का. अब तो बारी है कि अगर कुछ गलत हो गया है उसको "स्वीकार करके" दुरुस्त किया जाये।
स्वीकार न करके हम अपने आस पास एक Negative Aura (प्रभामण्डल) तैयार कर लेते है और फिर जिंदगी भर उस Negative Aura से बाहर आने की ही जद्दोजहत में जिंदगी गुजार देते हैं.
हमें "Accept करने की ताकत" को समझना पड़ेगा।
अपनी गलतियों को Accept न करने का मतलब है कि अपने मोबाइल की contact memory का उन पुराने बेकार contact नंबरों से भर जाना, जिनका आज की date में कोई लेना देना नहीं है. मित्रों जब तक वो पुराने नम्बर हम delete नहीं करेंगे तब तक नए नम्बर save करने के लिए जगह नहीं बनेगी.
इसी तरह अपनी जिंदगी से भी हमें ऐसे पुराने हादसों को माफ़ी मांग कर या माफ़ करके delete करना पड़ेगा तभी हम नई खुशनुमा यादों के लिए जगह बना पाएंगे क्योँकि पुरानी गलतफमियों को अभी तक हमने "स्वीकार न" करके संभाल कर रखा है. हमें उन पुरानी गलतफमियों को "स्वीकार कर" उन्हें delete करके Positivity के Aura में कदम रखना ही होगा.

मित्रों, अगर जींदगी मे कुछ पाना हो. तो .... तरीके बदलो.. ईरादे नही

.....AMIT KATHERIYA

https://katheriyadhanuksamaj.blogspot.in

योग की कुछ 100 जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए

1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है। 2. लकवा - सोडियम की कमी के कारण होता है । 3. हाई वी पी में - स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन ...