1. हमें असफलता कभी नहीं तोड़ती, हम टूटते हैं अनियमितता (Irregularity) से।
इसलिए अपने अध्ययन में नियमितता लायें।छह घंटा ही पढें लेकिन नियमित पढें।
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2. हम प्रतियोगिता से कठिन प्रश्न गलत करके कभी बाहर नहीं होते, हम बाहर तब होते हैं जब आसान से प्रश्न को गलत कर देते हैं। इसलिए अति विशेष के चक्कर में सामान्य चीजों को नजरअंदाज ना करें। सामान्य जानकारियों को भी अवश्य दुहरा लें।
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3.जैसे-जैसे आपके समर्पित लक्ष्य नजदीक आतें हैं आपकी इंद्रियां अति संवेदनशील होती जाती है। सामान्य समय में बड़ी बातों को हँस कर टालने वाला व्यक्ति भी परीक्षा के संक्रमण समय में छोटी-छोटी बातों से विचलित हो जाता है। इसलिए जब आप लक्ष्य के नजदीक हों तो कम बोलिए, जरुरत पड़ने पर ही बाहर निकलिए, कम से कम सामाजिक गतिविधियों में भाग लिजिए।
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4. मानसिक थकान/तनाव दूर करने का उपाय जरूर निकालिए, क्योंकि यह बहुत जल्द आपको बीमार कर देती हैं। इसलिए परीक्षा संक्रमण के दौरान पर्याप्त नींद, पूर्ण एवं पौष्टिक आहार, व्यायाम/योगा अवश्य करें। अन्यथा आपके वर्षों की मेहनत पर पानी फिर सकता है।
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5. विगत वर्षों में पूछे गये प्रश्नों को भी देंख लें। इससे अपने तैयारी का स्तर, पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति, बदलते ट्रेंड के बारे में पता चलता है। साथ ही साथ आत्मविश्वास बढ़ता है।
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6. कई पुस्तक/नोट्स पढने के वजाय कोई एक ही अच्छी पुस्तक/नोट्स बार-बार पढें।
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7. हर जीत का एक ही मनोविज्ञान है, वह है आपके जीत का जज्बा/हौसला। ज्यों ही आप हताश/निराश होतें हैं अपनी जंग हार जाते हैं। इसका एक ही उपाय है अपने लक्ष्य पाने का निरंतर चिंतन और उस दिशा में सार्थक प्रयास ।.................. AMIT KATHERIYA
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