शुक्रवार, 21 जुलाई 2017

धानुक दर्पण
बिहार में प्रचलित गाथा के अशुसार कन्नौज के परिहार राजा महिपाल चाप वंशीय थे।
उनके सामंत धरनी एवं चाठियावाड़ के एक भाग के स्वामि थे। इसका प्रमाण म.प्र. के माधोगढ जिला भिंड से प्राप्त पाम्रपत्र से होती है। ई. सं. 672 सन् 694 में कन्नौज के परिहार राजाओं का है, जिसमें उल्लेख है कि एक दिन पृथ्वी ने भगवान् शंकर से निवेदन किया कि मेरी दुष्टों से रक्षा कीजीये तब भगवान शंकर ने अपने धनुष कि चाप से एक वीर को पैदा किया, जो कि धानुक कहलाये और उन्होंने पृथ्वी की दुष्टों से रक्षा की।
......................................................................................AMIT KATHERIYA

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