मंगलवार, 11 अप्रैल 2017

कृपया आशीर्वाद लाल श्रीवास्तव द्वारा लिखित "दिल्ली सल्तनत" पृष्ठ 285, पैरा ग्राफ 2 मे लिखा है कि 1526 . तक धानुक मुगल सेना मे धानुषवाण (तीर) धारण कर सवसे अग्रणी दस्ता मे रहते थे जो पावक कहलाते थे जो अपने को धनुरधारी धानुक कहलाते थे जो संस्कृत के विक्रत शब्द है कृपया पदमपुराण पढ़े एवम कई हिन्दू ग्रंथ मे भी पुस्टी की गयी है दिलवार सिंह जैसवार द्वारा लिखित कुर्मी चेतना के 100 वर्ष मे ये लिखा भगवान श्री राम चन्द्र ने भी धानुक जाति मे जन्म लिया था
.......................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................................... युवा समाजसेवी विचारक व चिंतक अमित कठेरिया..................................................................................................krishandra shastri(p.mhasachiw,dhanuk uthan mha sangh) on September 26, 2013 at 8:50 pmtha...................................................................http://www.peoplegroupsindia.com/profiles/dhanuk/....................................................................................................

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